Indian History Story Hindi: Panna Ka Tyagइंडियन हिस्ट्री स्टोरी हिंदी :पन्ना का त्याग
राजस्थान के सुप्रसिद्ध राज्य मेवाड़ पर 16 वीं सदी में राणा सांगा शासन करते थे। वे बड़े ही उदार तथा शूरवीर थे।
दुर्भाग्य से उनके पुत्र उनके समान बन न पाये । रत्न नामक राजकुमार एक युद्ध में स्वर्गवासी बना | दूसरा राजकुमार विक्रमजित अपने पिता की मृत्यु के बाद राजा बना और भोग विलासी बन उसने अपने धन तथा समय का दुरुपयोग किया ।
मेवाड़ में अराजकता फैल गई। मुग़ल बादशाह उस राज्य को हड़पने की सोचने लगे। उस हालत में कुछ प्रमुख दरबारियों ने वनवीर को अपना सरदार बनाया और उसकी मदद से विक्रमजित को गद्दी से उतारने का षड़यंत्र रचा। वनवीर असाधारण वीर पृथ्वीराज का नाजायज पुत्र था ।
वनवीर ने अचानक विक्रमजित पर हमला किया। विक्रमजित अपनी आत्मरक्षा न कर पाया और मृत्यु को प्राप्त हुआ। यह देख उसके मित्र भाग खड़े हुए ।
शीघ्र ही राजा की मृत्यु का समाचार राजमहल में पहुँचा। राजमहल दुख में डूब गया।
निचे दिए गये कॉमिक्स के रूप में इस कहानी को पूरा पढ़ें…
⮛⮛⮛⮛
INDIAN History Hindi Comics Story Panna Ka Tyag PDF Download Link
पूर्वी तट पर कुजंग नामक एक छोटा- सा राज्य था। उसकी राजधानी प्रदीप नगरी थी। उसके शासक पराक्रमी…
बात पुरानी है। कर्नाटक भू-भाग के शुभवती राज्य में शंबल नाम के राजा का राज था।…
लगभग दो सौ वर्ष पुरानी बात है। केरल में तालंगोडू गांव में पार्वतम्मा नाम की…
पूरे देश में यत्र-तत्र क्रान्ति की आग धधक रही थीं। क्रान्ति के दो महान युवा…
राजा शान्तनु का मन इस संसार से ही विरक्त हो चुका था...अपनी पत्नी और सन्तान…
राजा वीरभद्र बढ़ा दयालु शासक था| जो सचमुच जरूरतमन्द होते थे उन्हें आर्थिक मदद देने…