कई वर्षों तक अयोध्या पर शासन करने के बाद, राम थक गए और स्वर्ग जाना चाहते थे। विष्णु को इसका एहसास हुआ और उन्होंने यमराज को राम को लाने के लिए कहा।
यमराज ने खुद को एक ऋषि के रूप में परिवर्तित किया और अयोध्या चले गए। वह राम के कक्ष के द्वार पर लक्ष्मण से मिले और उन्हें आदेश दिया कि जब भी वे राम से बात करें हो तो किसी को भी अंदर न आने दें।
राम से मिलने पर, यमराज ने उन्हें बताया कि वह राम को स्वर्ग ले जाने के लिए आए हैं। इस बीच, ऋषि दुर्वासा महल में आए और लक्ष्मण को आदेश दिया कि वे उन्हें राम से मिलने दें, लेकिन लक्ष्मण ने मना कर दिया।
इससे आहत होकर दुर्वासा ने लक्ष्मण को पृथ्वी छोड़कर स्वर्ग जाने का शाप दिया। लेकिन जब, दुर्वासा ने राम को यमराज के साथ देखा, तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ।
मतलब, लक्ष्मण को मरने के लिए शाप दिया गया था और इसलिए वह नदी में कूद गए। राम अपने भाई की मृत्यु से दुखी थे।
राम के वफादार भाई, लक्ष्मण ऋषि दुर्वासा द्वारा शापित हो गए थे और स्वर्ग चले गए थे। यह नुकसान राम सहन नहीं कर सके।
उन्होंने खुद स्वर्ग जाने का फैसला किया। वह भरत को अयोध्या का राजा घोषित करना चाहते थे, लेकिन भरत और शत्रुघ्न दोनों को लगता था कि वे सिंहासन के लिए सही उत्तराधिकारी नहीं हैं।
राम जानना चाहते थे कि अयोध्या के लोग क्या चाहते हैं। अयोध्या के लोग राम से प्यार करते थे और घोषणा किए कि वे भी राम के साथ स्वर्ग जाएंगे।
राम को उनकी इच्छा से सहमत होना पड़ा। उन्होंने अपने वफादार भक्त हनुमान को अश्रुपूर्ण विदाई दी और उन्हें आशीर्वाद दिया। फिर, वह सरयू नदी के तट पर गए और पानी में लीन हो गए।
अयोध्या के लोग, जो हर समय राम के साथ रहते थे, अपने राजा का अनुसरण किये और वे भी स्वर्ग चले गए।
✒️✒️✒️✒️✒️
…..
पूर्वी तट पर कुजंग नामक एक छोटा- सा राज्य था। उसकी राजधानी प्रदीप नगरी थी। उसके शासक पराक्रमी…
बात पुरानी है। कर्नाटक भू-भाग के शुभवती राज्य में शंबल नाम के राजा का राज था।…
लगभग दो सौ वर्ष पुरानी बात है। केरल में तालंगोडू गांव में पार्वतम्मा नाम की…
Indian History Story Hindi: Panna Ka Tyagइंडियन हिस्ट्री स्टोरी हिंदी :पन्ना का त्यागराजस्थान के सुप्रसिद्ध राज्य…
पूरे देश में यत्र-तत्र क्रान्ति की आग धधक रही थीं। क्रान्ति के दो महान युवा…
राजा शान्तनु का मन इस संसार से ही विरक्त हो चुका था...अपनी पत्नी और सन्तान…