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Aadimanav Ki Kahani Hindi Mai: स्टैनली [ आदिमानव की कहानी ]

Aadimanav Ki Kahani Hindi Mai काअंश:स्टैनली लोगों के साथ अच्छा बर्ताव करता था. वो जानवरों से भी प्यार करता था. गुफा में रहने वाले दूसरे लोगों को स्टैनली के तौर-तरीके पसंद नहीं आए. “तुम गुफा में साधारण लोगों जैसे क्यों नहीं रहते?” उन्होंने पूछा.

बहुत पहले की बात है, उस समय आज की तरह घर नही हुआ करते थे, पहले के लोग गुफाओं में रहते थे.

स्टैनली भी एक गुफा में रहता था. पर उसे वहां रहना पसंद नहीं था. क्योंकि गुफा में ठंड बहुत होती थी. इसलिए स्टैनली को वहां ठंड लगती थी.

उसका सिर दर्द करता था, क्योंकि उसे पत्थर पर सिर रखकर सोना पड़ता था. गुफा में चमगादड़ ऐसे घूमते थे, जैसे वे उस गुफा के मालिक हों.

“हम कोई बेहतर जगह क्‍यों नहीं खोज सकते?” स्टैनल्री ने पूछा.

“हमारे लिए यह जगह अच्छी खासी है.” गुफा में रहने वाले अन्य लोगों ने कहा. तुम्हें यह जगह क्यों नापसंद है?”

गुफा के लोग हमेशा गदे लेकर चलते थे. वे लोग बहुत बलवान थे. स्टैनली भी बहुत ताकतवर था.

स्टैनली को ज़मीन में बीज बोना अच्छा लगता था. वो बीजों को उगते हुए देखता था. स्टैनली को चित्र बनाना भी अच्छा लगता था.

.स्टैनली लोगों के साथ अच्छा बर्ताव करता था. वो जानवरों से भी प्यार करता था.

गुफा में रहने वाले दूसरे लोगों को स्टैनली के तौर-तरीके पसंद नहीं आए. “तुम गुफा में साधारण लोगों जैसे क्यों नहीं रहते?” उन्होंने पूछा.

स्टैनली ने उसका कोई जवाब नहीं दिया. वो बस बीज बोता रहा और गुफा में चित्र बनाता रहा.वो जानवरों को प्यार करता रहा. वो अन्य लोगों से प्रेम करता रहा. उसने इन शब्दों का उपयोग करना शुरू किया “कृपाकर” ओर “धन्यवाद” और आपका दिन बहुत शुभ हो!”

इससे गुफा के बाकी लोग बहुत गुस्सा हुए. “तुम अब यहाँ नहीं रह सकते,” उन्होंने कहा.

“उसे मारो!” उन्होंने कहा.

 फिर उन्होंने स्टैनली पर पत्थर फेंके. और उसे गुफा से बाहर भगा दिया.

“हमें बहुत दुःख है कि तुम्हें गुफा से भगाया गया,” जानवरों ने उससे कहा.

“मुझे उसकी कोई चिंता नहीं है, स्टैनली ने कहा.

फिर वो रहने के लिए कोई स्थान ढूँढने लगा. “तुम हमारे घोंसले में नहीं रह सकते,” चिड़ियों ने कहा.

“तुम पानी में नहीं रह सकते,” मछलियों ने कहा.

“तुम यहाँ ज़मीन पर नहीं रह सकते,” एक कीड़े ने कहा.

“चलो मैं इस पेड़ पर रहता हूँ, स्टैनली ने कहा.

“नहीं! यह पेड़ मेरा घर है. तभी गोरिल्ले ने कहा.

“चलो में हवा में रहने की कोशिश करता हूँ, स्टैनली ने कहा. फिर वो एक पत्थर पर से कूदा.

“नही, नही,” स्टैनली ने कहा. “मैं हवा में नहीं रह सकता.”

फिर स्टैनली को एक खेत दिखा. “अगर किसी को आपत्ति न हो तो क्‍या मैं यहाँ रह सकता हूँ?” उसने पूछा.

“अगर तुम खर्राटे नहीं भरो तो ठीक है, एक जानवर ने कहा. फिर वो जानवर सोने चला गया.

“मुझे कोई आपत्ति नहीं हैं अगर तुम बहुत घास नहीं खाओ,” एक घास खाते जानवर ने स्टैनली से कहा.

“मुझे भी कोई आपत्ति नहीं है अगर तुम बहुत जगह नहीं घेरो,” एक बहुत विशाल जानवर ने कहा.

फिर स्टैनली ज़मीन पर लेट गया. “यहाँ तो काफी अच्छा है,” उसने कहा. पर अचानक ठंडी हवा चली और स्टैनली को ठंड लगने लगी. बारिश भी हुई, जिसमें वो गीला हो गया.

“यहाँ तो हालत गुफा से भी खराब है, स्टैनली ने कहा.

फिर उसने दीवारें बनाई जिससे ठंडी हवा अन्दर न आए. उसने दीवारों पर छत डाली जिससे बारिश की पानी अन्दर न आए.

फिर उसने दरवाज़ा, खिड़की और चिमनी भी बनाई. उसने एक अच्छा घर बनाया!

मैंने अपने जीवन में यह पहला घर देखा है,” एक चूहे ने कहा.

“यह पहली बार है कि किसी ने घर बनाया है!” स्टैनली ने कहा. “क्या तुम मेरे साथ इस घर में आकर रहोगे?”

“नहीं. में तुम्हारे साथ नहीं रह सकता हूँ. क्योंकि मैं तो खेतों में रहता हूँ. पर मैं समय-समय पर तुमसे आकर ज़रूर मिलता रहूँगा,” चूहे ने कहा.

अपने घर में स्टैनली ने चित्र बनाए.

उसने ज़मीन में बीज बोये और फिर उन्हें उगते हुए देखा.

उसे वैसे अपना घर बहुत पसंद था. पर वो वहां अकेल्रापन महसूस करता था. “चलो, गुफा में अपने मित्रों से मिलकर आता हूँ,” एक दिन स्टैनली ने सोचा.

उस दिन गुफा के सभी लोग बाहर शिकार के लिए गए थे. वे अपने गदे साथ लेकर गए थे.

“देखो गदों के साथ कौन लोग हमारे पीछे लगे हैं,” जानवरों ने कहा. “चलो, इन्हें यहाँ से भगाते हैं!”

फिर जानवरों ने गुफा वासियों को दौड़ाया. स्टैनली ने अपने मित्रों को भागते हुए देखा.

“देखो, डरो मत,” स्टैनली ने कहा. “वे तुम्हें कोई नुक्सान नहीं पहुंचाएंगे.” फिर स्टैनली ने जानवरों को भगा दिया.

“तुमने हमारी जान बचाई, स्टैनली,” गुफा वासियों के कहा. “तुम्हारा बहुत शुक्रिया.” “तुम वापिस आकर हमारे साथ गुफा में रहो,” उन्होंने कहा.

“गुफाएं, पुराने ज़माने की हैं,” स्टैनली ने कहा. “तुम सब आकर देखो जहाँ में रहता हूँ. फिर स्टैनली ने उन्हें अपना घर दिखाया.

“तुमने सही बात कही,” गुफा वासियों ने कहा. “अब हम भी तुम्हारी तरह घरों में रहना चाहते हैं

“गुफाएं तो भालुओं के लिए होती हैं. और घरों में लोग रहते हैं, क्यूँ है न? स्टैनली ने कहा.

फिर उन सबसे अपने-अपने घर बनाए. स्टैनली ने उन्हें चित्र बनाना और बीज बोना सिखाया.

स्टैनली ने उन्हें एक-दूसरे से प्रेम करना और अन्य जानवरों से प्यार करना सिखाया. इससे सब लोग बहुत खुश हुए!

सिड

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